KFC चिकन का सबसे अनूठा स्वाद ये तो सभी को पता ही हैं। पहले ये सड़क के किनारे चिकन बेचते थे। अपनी मसालों पर इन्हे इतना भरोसा रहा कि वह कुकर और मसाले कार में लेकर होटल-होटल के चक्कर लगाते रहे। उन्हे लगभग 1008 होटलों ने नकार दिया।फिर 1009 वी होटल ने उससे हां कहा और फिर चल पड़ा उनका कारवां। आज 125 देशों में 18000 से ज्यादा KFC रेस्तरां है।
जी हाँ हम बात कर रहे है आपके और हमारे पसंदीदा KFC की, आइए जानते है इसकी कहानी..
जिसके बारे में कहा जाता है कि इसने पैदा होते ही मां-बाप नहीं चिकन बोला होगा जी हाँ हम बात कर रहे है हरलेन सैंडर्स, जो की KFC के मालिक है। 16 साल की उम्र मे स्कूल छोड़ा, 17 साल की उम्र मे 4 बार नौकरियो से निकाला गया, इसके बाद जीवन मे और कई काम करने के बाद सैंडर्स ने एक सर्विस स्टेशन खोला। वहां कोई रेस्तूरेंट नहीं था इसलिए उन्हें वहां आने वाले लोगों को खाना खिलाने के लिए एक छोटा रेस्तूरेंट खोल लिया। कुछ समय में लोग इस सवाद को इतना पसंद करने लगे की रेस्तरां चल निकला। देखते देखते अब वह 142 लोगों के बैठने वाला रेस्तूरेंट बन गया।चिकन के साथ प्रयोग करते करते सैंडर्स नौ साल बाद आखिरकर उन्हें सफलता हाथ लगी। लोगों को दीवाना कर देने वाला उन्होंने गरम मसालों का एक मिश्रण तैयार किया जो बहुत ही जल्द लोगो को भा गया। यह मिश्रण आज भी एक रहस्य है।वर्षों तक सैंडर्स ने यह फार्मूला किसी को नहीं दिया। KFC आज भी अपना मसाला खुद ही तैयार करके सभी फ्रेंचाइजी को देता है। कहा जाता है कि जिंदगी का असली स्वाद संघर्ष के मसालों से ही निकलता हैं। सब कुछ ठीक चल रहा था मगर अचानक एक दिन सैंडर्स का रेस्तूरेंट बंद हो गया। 62 साल की उम्र में सैंडर्स पूरी तरह से बेरोजगार हो गए। धंधा चौपट होने से उनका हाथ पूरी तरह से खाली हो गया।
वे social security के सहारे अपना जीवन-यापन कर रहे थे। उनके समक्ष सबसे बड़ी समस्या ये थी कि जीवन-यापन के लिए अब क्या करें? पूंजी उनके पास थी नहीं। ऐसे में उन्हें एक विचार आया कि क्यों न उस वस्तु का ही उपयोग किया जाये, जो उनके पास उपलब्ध है। और वह वस्तु थी था – उनकी Fried Chicken की recipe। उनको अपनी रेस्पी पर पूरा भरोसा था जिसके कारण उन्होंने लगभग 600 जगहों का दौरा किया और हजारों रेस्तरां मालिकों से संपर्क किया। कई लोगों के उनका प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया और कई लोंगों ने उनका मजाक भी उड़ाया। लेकिन वे विचलित नहीं हुए और अपने दौरे जारी रखे। 1008 रेस्तरां मालिकों द्वारा reject कर दिए जाने के उपरांत आखिरकार 1009 वें रेस्तरां मालिक ने उनका प्रस्ताव स्वीकार कर लिया और Fried Chicken की पहली franchisee sign कर ली। उस recipe के कारण उस रेस्तरां की बिक्री में असाधारण रूप से वृद्धि हुई, जिसे देखकर अन्य रेस्तरां मालिकों के भी कर्नल सैंडर्स से franchisee लेना प्रारंभ कर दिया और इस तरह KFC रेस्तरां चेन की शुरुआत हुई। हर दिन लगभग डेढ़ करोड़ लोग सैंडर्स की नायाब रेसिपी का मजा लेते हैं। दुनिया में फ्राइड चिकन का ब्रांड यदि कोई है तो वह है सिर्फ KFC एक सड़क किनारे से शुरु हुआ KFC आज लगभग 18 अरब का ब्रांड बन चुका है। भारत में 100 शहरों में 335 KFC आउटलेट है। फिलहाल केंटकी फ्राइड चिकन यम ब्रांड(PepsiCo) का हिस्सा है।
जब दुनिया मे 1991 मे बेहतर स्वास्थ के लिए तली चीजों के खिलाफ अभियान चला तब उसके बाद केंटकी फ्राइड चिकन का नाम छोटा कर के KFC रख दिया गया। यह नाम कंपनी के लिए बेहतर साबित हुए क्योंकि कंपनी अभी इस ब्रांड नेम के साथ दूसरे प्रोडक्ट भी बेच सकती थी और साथ ही ये नाम छोटा था तो सभी को याद भी हो जाता था। पुराना नाम तो केवल चिकन तक ही सीमित था। बाद मे kfc ने भारत के लिए खास वेज आइटम्स और कुछ शेक भी तैयार किए गए जो भारत मे काफी चर्चित रहे। 2006 के नवंबर में कंपनी कुछ नए लोगों के साथ सामने आई। नए मालिकों ने कर्नल का सफ़ेद कपड़ों में फोटो लगाया और उसे अपने आउट्लेट मे लगा दिया। कर्नल सैंडर्स ने भले ही कंपनी बेच दी हो पर उनके नाम और उनके द्वारा बनाए स्वाद को कोई कभी भी नहीं भूल सकता इसलिए तो नए मालिकों ने तस्वीर पुरानी ही रखी अर्थतः कर्नल सैंडर्स को कंपनी का लोगों बना दिया गया जिसे आज भी हम देखते है।
केंटकी के गवर्नर को हरलेन सैंडर्स का बनाया चिकन इतना पसंद आया कि उन्होंने सैंडर्स को कर्नल की उपाधि से सम्मानित किया और फिर उनके नाम मे कर्नेल जुड़ गया।
सैंडर्स के 11 मसालो का गोपनीय फ़ॉर्मूला आज भी लुइवल की तिजोरी मे बंद हैं। बहुत कम लोग ही जानते हैं कि उसमें कौन से मसाले कितने मात्रा में मिलाएं जाते हैं।