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Thursday, 31 December 2020

शिव खेड़ा

 


जब हमारा समए खराब रहता है और सभी चीजे परिस्थिति के विपरीत होने लगती है जैसा की अभी का समय पूरे विस्व के लिए बहुत कठिन है । जब ये परिस्थिति हमारी जिंदगी मे होती है तो हम पूरी तरह टूट जाते है और हमारे अंदर निराशा घर कर जाती है। मगर हमे इस परिस्थितियों से डरना नहीं चाहिया बल्कि डट कर मुकाबला करना चाहिए और सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित करना चाहिए। अगर आप इस परिस्थिति को जीत जाते है तभी आप एक सफल इंसान के रूप मे अपनी पहचान बना सकते है। 

आज हम ऐसे ही एक इंसान के बारे मे बतयएंगे जो किसी भी कठिनसे कठिन परिस्थिति से टूटे नहीं बल्कि डट कर मुकाबला किया और उसे हराया भी। जी हाँ ऐसे ही व्यक्तियों में से एक हैं शिव खेड़ा। संघर्षों से जूझते हुए शिव खेड़ा ने अपना वह मुकाम बनाया है जहाँ से वह औरों के जीवन की निराशा को आशा में परिवर्तित करने का भागीरथ प्रयास कर रहे हैं। आज वो दुनिया के उन प्रभावशाली वक्ताओं, लेखकों और चिंतकों में से एक हैं जिन्होंने लाखों लोगों की जिन्दगी को अपने विचारों से सकारात्मक दिशा में मोड़ने में मदद की है।उन्होंने बहुत सारी प्रेरणादायी पुस्तकें लिखीं हैं।जब आप उस किताब को पढ़ेंगे आपका जीवन पूर्ण आत्मविश्वास से भर उठेगा। लाखों लोग रोजाना इंटरनेट पर शिव खेड़ा के जीवन और उनके प्रेरक विचारों की जिज्ञासा के लिए उनसे संबंधित सामग्री की खोज करते हैं और अगर हम बात करे तो वो सोशल साईट ट्विटर पर भी बहुत प्रसिद्ध है और उनको चाहने वालों की संख्या बहुत ही ज्यादा है। 

 

प्रारंभिक जीवन –

झारखण्ड राज्य के धनबाद में 23 अगस्त 1961 को एक व्यवसायी परिवार में शिव खेरा जी का जन्म हुआ था। उनके पिता का कोयला खादान के जुड़ा व्यवसाय था और माँ एक गृहणी थीं। बाद के दिनों में जब कोयला खदानों का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया, तब इस परिवार को भारी मुसीबतों के दौर से गुजरना पड़ा था। इसी दौरान शिव खेड़ा ने एक स्थानीय सरकारी स्कूल से अपनी माध्यमिक शिक्षा पूरी की। स्कूल के दिनों में वह एक औसत दर्जे के विद्यार्थी थे। 10वीं की परीक्षा में एक बार वह फेल भी हो गए थे. परन्तु इसके बाद उनके जीवन में एक बड़ा परिवर्तन आया और उन्होंने एक सकारात्मक सोच के अपने जीवन की चुनौती को स्वीकार किया, जिसका परिणाम उन्हें उच्चतर माध्यमिक परीक्षा में मिला। इस परीक्षा में वे प्रथम श्रेणी में उतीर्ण हुए। 

 

स्कूल के बाद उन्होंने बिहार के एक कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की। शिव खेड़ा के चिंतन का पंचलाइन है – ‘जो विजेता हैं वह कुछ अलग नहीं करते हैं बल्कि उनका करने का तरीका अलग होता है।’ शिव खेड़ा को अपने जीवन के प्रारंभिक दौर में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कनाडा में कार धोने के काम के द्वारा अपना कैरियर शुरू किया। उनका काम कारों को ठीक से धोना था। इस नौकरी के बाद, उन्होंने बीमा कंपनी के रूप में अपनी किस्मत आजमायी, उन्होंने जीवन बीमा कंपनी में काम किया और ग्राहकों को बीमा पॉलिसियां बेची, लेकिन वह इस क्षेत्र में भी सफलता हासिल करने में नाकामयाव हो गये। शिव खेड़ा के जीवन की कहानी कठिनाइयों से भरी हुई है और उन्होंने अपने जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए बहुत संघर्ष किया।

 

 शिव खेड़ा का पेशेवर जीवन –

 

इस कंपनी की शाखाएं भारत सहित दुनिया के कई देशों में फैली हुई है। शिव खेड़ा ने प्रेरणा और सकारात्मक तथ्यों से भरे अपने चिंतन को लेखन के माध्यम से लाखों लोगों तक पहुंचाया है। उन्होंने 16 पुस्तकें लिखीं हैं जो दुनियाभर में कई भाषाओँ में प्रकाशित हुई हैं। वर्ष 1998 में शिव खेड़ा की पहली पुस्तक प्रकाशित हुई थी जिसका नाम था ‘यू कैन वीन’ (You Can Win)। इस पुस्तक ने बिक्री का एक नया कीर्तिमान स्थापित किया था। हिंदी में ‘जीत आपकी’ टाइटल के साथ शिव खेड़ा की यह पुस्तक विश्व की 16 विभिन्न भाषाओँ में प्रकाशित हुई थी। अभी तक के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार ‘यू कैन वीन’ की 30 लाख से अधिक प्रतियाँ बिक चुकी हैं। इस पुस्तक के लिए शिव खेड़ा कई पुरस्कारों से सम्मानित भी हो चुके हैं। शिव खेड़ा की अन्य प्रकाशित पुस्तकों में ‘लिविंग विथ ऑनर’ ( हिंदी में ‘सम्मान से जियें’), ‘फ्रीडम इज नॉट फ्री’ (हिंदी में ‘आज़ादी से जियें’), ‘यू कैन सेल’ (हिंदी में ‘बेचना सीखो और सफल बनो’) का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। 

 

1998 में शिव खेडा ने अपनी पहली किताब पब्लिश की थी “जीत आपकी” “You can win”. The Hindu अख़बार के अनुसार शिव खेडा की किताब “You can win” जून 2017 तक 35 million copies बिक चुकी है | शिव खेडा दुनिया में अलग अलग देशो में जा के सेमिनार करते है और सभी को सफलता के तरफ motivate करते है | शिव खेडा को अलग अलग companies से Seminar के लिए invitation आता है | शिव खेडा कहते है कि जब भी कोई उनके सेमिनार में आ के अपने जीवन में बदलाव महसूस करता है तो इन सब से उनको शक्ति मिलती है | शिव खेडा अपने सेमिनार में Self Improvement को जोर देते है और हमेशा खुदी में ज्यादा सुधार करने की राय देते है | शिव खेडा अपने सेमिनार में Parents और Teachers को बहुत महत्व देते है और कहते है, सिर्फ Parents और Teachers ही हमारी गलतियों को ठीक करते है बाकी सारी दुनिया हमें हमारी गलतियों की सज़ा देती है | हाल ही में शिव खेडा ने कहा है कि वे Parenthood पे एक किताब लिख रहे है|

 

शिव खेरा ने अपनी सकरात्मक सोच से कई किताबे लिखी है और उनकी ज्यादातर किताबो को लोगो ने सराहा है | शिव खेडा ने कई companies में जा के वहा के employees को अपनी सकरात्मक सोच से motivate किया है |  शिव खेड़ा बहुत ही खूब motivational speaker है | उनकी लिखी हुई किताबो से भी उनके सकरात्मक सोच का पता चलता है | 

 

 शिव खेडा के अनमोल विचार

1.    “अच्छाई हमेशा सिचनी पड़ती है”

2.     “कौशल से ज्यादा इन्सान की इच्छा शक्ति उसे सफलता तक ले जाती है”

3.     “हमें व्यापारिक समस्याएं नहीं है, व्यवहारिक समस्याए है”

4.    जीतने वाले कुछ अलग चीजे नहीं करते,वो चीजो को अलग तरह से करते है।

5.    जीतने वाले लोग अपना लाभ देखते है वही हारने वाले अपना दर्द।

6.    कठिन परिस्थितयो में कुछ लोग टूट जाते है तो कुछ लोग रिकॉर्ड बना देते है।

7.    चरित्र का निर्माण तब नहीं होता जब बच्चा पैदा होता है,बल्कि यह तो बच्चा पैदा होने के सौ साल पहले से शुरू हो जाता है।

8.    अगर आपको लगता की आप कर सकते हो तो आप वाकई में कर सकते हो और अगर आपको लगता है कि आप नहीं कर सकते तो आप वाकई में नहीं कर सकते, आप किसी भी तरह से सोचो…आप सही है।

9.    अच्छे लीडर, और अच्छे लीडर बनाने की सोचते है,वही बुरे लीडर फोलोवर बनाने की सोचते है।

10.    कभी भी बुरे लोगो की सक्रियता समाज को बर्बाद नहीं करती बल्कि अच्छे लोगो की निष्क्रियता हमेशा समाज को बर्बाद करती है।

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